7th pay commission –
भत्तों को लेकर जेटली ने बोला ये झूठ!
भत्तों को लेकर जेटली ने बोला ये झूठ!
नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों पर चर्चा के
लिए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में यह फैसला किया
गया कि केन्द्र सरकार की कर्मचारियों के प्रतिनिधि उनके इस मामले को सरकार के
बीच में ले जाएंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह था कि केन्द्रीय कर्मचारियों
की दिक्कतों को सरकार तक पहुंचाया जा सके। जिस तरह से अलाउंस दिए गए हैं, उनसे
कर्मचारी दुखी हैं। उनकी मांग है कि जुलाई 2016 से संशोधित भत्ते दिए जाएं।
लिए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में यह फैसला किया
गया कि केन्द्र सरकार की कर्मचारियों के प्रतिनिधि उनके इस मामले को सरकार के
बीच में ले जाएंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह था कि केन्द्रीय कर्मचारियों
की दिक्कतों को सरकार तक पहुंचाया जा सके। जिस तरह से अलाउंस दिए गए हैं, उनसे
कर्मचारी दुखी हैं। उनकी मांग है कि जुलाई 2016 से संशोधित भत्ते दिए जाएं।
अरुण जेटली ने धोखा दिया
?
केन्द्रीय कर्मचारियों ने कहा है कि वित्त मंत्री जेटली ने उन्हें धोखा दिया
है। उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री ने वादा किया था कि केन्द्रीय
कर्मचारियों को न्यूनत सैलरी 18 हजार रुपए मिलेगी, लेकिन सरकार इस बढ़ोत्तरी
पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करने के बाद विचार करेगी। हालांकि, कर्मचारी
यूनियन ने आरोप लगाया है कि ऐसा कभी हुआ ही नहीं।
है। उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री ने वादा किया था कि केन्द्रीय
कर्मचारियों को न्यूनत सैलरी 18 हजार रुपए मिलेगी, लेकिन सरकार इस बढ़ोत्तरी
पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करने के बाद विचार करेगी। हालांकि, कर्मचारी
यूनियन ने आरोप लगाया है कि ऐसा कभी हुआ ही नहीं।
उन्होंने एक बड़ा झूठ बोला
सैलरी बढ़ाने के अरुण जेटली के वादे के बाद भी उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया।
कर्मचारियों का कहना है कि आखिर अरुण जेटली ने ऐसा वादा किया ही क्यों, जब वह
अपनी बात पर नहीं टिक सकते। कर्मचारियों का मांगना है कि अरुण जेटली सिर्फ
भत्तों के मामले को निपटाना चाहते थे। कर्मचारी एक अच्छी खबर का इंतजार कर रहे
थे और उन्हें लग रहा था कि जुलाई 2016 से उन्हें एरियर दिया जाएगा। हालांकि,
कैबिनेट मीटिंग के बाद कर्मचारियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी है, क्योंकि भत्ते
जुलाई 2017 से दिए गए।
कर्मचारियों का कहना है कि आखिर अरुण जेटली ने ऐसा वादा किया ही क्यों, जब वह
अपनी बात पर नहीं टिक सकते। कर्मचारियों का मांगना है कि अरुण जेटली सिर्फ
भत्तों के मामले को निपटाना चाहते थे। कर्मचारी एक अच्छी खबर का इंतजार कर रहे
थे और उन्हें लग रहा था कि जुलाई 2016 से उन्हें एरियर दिया जाएगा। हालांकि,
कैबिनेट मीटिंग के बाद कर्मचारियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी है, क्योंकि भत्ते
जुलाई 2017 से दिए गए।
मौजूदा दरों को रखा बरकरार
केन्द्र सरकार के कर्मचारी मोदी सरकार द्वारा एचआरए संशोधित न करने के फैसले
से भी काफी निराश हैं। कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को पहले 3600 रुपए
ट्रांसपोर्ट अलाउंस के साथ डीए दिया जाता था, उनका ट्रांसपोर्ट अलाउंस अब
घटाकर 1300 रुपए और डीए कर दिया गया है। कर्मचारियों की मांग है कि इसे सही
किया जाना चाहिए।
से भी काफी निराश हैं। कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को पहले 3600 रुपए
ट्रांसपोर्ट अलाउंस के साथ डीए दिया जाता था, उनका ट्रांसपोर्ट अलाउंस अब
घटाकर 1300 रुपए और डीए कर दिया गया है। कर्मचारियों की मांग है कि इसे सही
किया जाना चाहिए।
Source: www.oneindia.com
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