7वें वेतन आयोग : सरकार ने उच्च्तम एवं निम्नतम वेतन में अन्तर कम करने की
सम्भावना का खारिज किया
सम्भावना का खारिज किया
नई दिल्ली: कैबिनेट ने पिछले साल जून में 4.8 मिलियन केंद्रीय सरकारी
कर्मचारियों और 5.2 मिलियन पेंशनभोगियों के लिए बहुप्रतीक्षित 7 वीं वेतन आयोग
की सिफारिशों को मंजूरी दी थी।
मंत्रिपरिषद ने तय किया कि 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 से
आधारभूत वेतनमान में औसत 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लागू किया जाए तथा
कैबिनेट सचिव श्री पी के सिन्हा की अध्यक्षता में मूल वेतन में औसतन 30 फीसदी
की बढ़ोतरी के लिए एक 13 सदस्यीय सचिव स्तर की एम्पावर्ड समिति का गठन किया
गया।
आधारभूत वेतनमान में औसत 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लागू किया जाए तथा
कैबिनेट सचिव श्री पी के सिन्हा की अध्यक्षता में मूल वेतन में औसतन 30 फीसदी
की बढ़ोतरी के लिए एक 13 सदस्यीय सचिव स्तर की एम्पावर्ड समिति का गठन किया
गया।
अधिसूचना के अनुसार अनुमोदित 18 वेतन के मैट्रिक्स में, केंद्र सरकार के
कैबिनेट सचिव के लिए अधिकतम वेतन मैट्रिक्स (स्तर -18) में वेतनमान प्रतिमाह
2,50,000 रुपये (फिक्स्ड) है, जो कि 6ठे वेतन आयोग में 90,000 (फिक्स्ड) था।
वेतन में वृद्धि की दर 178%।
कैबिनेट सचिव के लिए अधिकतम वेतन मैट्रिक्स (स्तर -18) में वेतनमान प्रतिमाह
2,50,000 रुपये (फिक्स्ड) है, जो कि 6ठे वेतन आयोग में 90,000 (फिक्स्ड) था।
वेतन में वृद्धि की दर 178%।
निम्नतम स्तर (स्तर -1) में वेतन मैट्रिक्स 18,000 रुपये है, जो 6 वें वेतन
आयोग में 7,000 रुपये था। वृद्धि की दर 157% है।
आयोग में 7,000 रुपये था। वृद्धि की दर 157% है।
7 वीं वेतन आयोग की सिफारिशों में सबसे अधिक घोषित वेतन मैट्रिक्स (स्तर -18)
और निम्नतम ग्रेड (स्तर -1) के बीच वेतन का अनुपात 1:13.9 है, जबकि 6वें
वेतनमान में 1:12 था।
और निम्नतम ग्रेड (स्तर -1) के बीच वेतन का अनुपात 1:13.9 है, जबकि 6वें
वेतनमान में 1:12 था।
7 वीं वेतन आयोग को छोड़कर अब तक के सभी वेतन आयोगों ने कम वेतन वाले
कर्मचारियों और दूसरे शीर्ष अधिकारियों के बीच वेतन अंतर कम करने की कोशिश की
है। दूसरे वेतन आयाग के 1:41 अनुपात में छठी वेतन आयोग 1:12 कर दिया।
कर्मचारियों और दूसरे शीर्ष अधिकारियों के बीच वेतन अंतर कम करने की कोशिश की
है। दूसरे वेतन आयाग के 1:41 अनुपात में छठी वेतन आयोग 1:12 कर दिया।
पहले वेतन आयोग की सिफारिश थी कि शीर्ष नौकरशाहों का वेतन सरकार के निचले स्तर
के कर्मचारियों की तुलना में 41 गुना अधिक हो। पहले वेतन आयोग में शीर्ष
नौकरशाहों को 2,263 रुपये वेतन दिया गया जबकि सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों
को 55 रुपये मिले।
के कर्मचारियों की तुलना में 41 गुना अधिक हो। पहले वेतन आयोग में शीर्ष
नौकरशाहों को 2,263 रुपये वेतन दिया गया जबकि सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों
को 55 रुपये मिले।
बाद के सभी वेतन आयोगों ने सबसे निम्नतम स्तर वाले कर्मचारियों और शीर्ष
नौकरशाहों के बीच वेतन का अनुपात 1947 में 1:41 से घटाकर 2006 में 1:12 कर
दिया।
नौकरशाहों के बीच वेतन का अनुपात 1947 में 1:41 से घटाकर 2006 में 1:12 कर
दिया।
यह उल्लेखनीय है कि कम वेतन वाले कर्मचारी लंबे समय तक मांग करते आ रहे हैं कि
उच्चतम और निम्न श्रेणी के बीच के वेतन अनुपात को कम किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की है कि नए वेतनमान में 25,000 रुपये का न्यूनतम वेतन
होना चाहिए और वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा अनुमोदित
फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना से अधिक हो।
उच्चतम और निम्न श्रेणी के बीच के वेतन अनुपात को कम किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की है कि नए वेतनमान में 25,000 रुपये का न्यूनतम वेतन
होना चाहिए और वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा अनुमोदित
फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना से अधिक हो।
इसके पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ
सिंह के घर में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के यूनियनों के नेताओं को 7वें
वेतन आयोग की सिफारिशों को मान्य करने के एक दिन बाद ही आश्वासन दिया था कि
उच्चतम और निम्नतम वेतन में अंतर को कम किया जाए्गा।
सिंह के घर में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के यूनियनों के नेताओं को 7वें
वेतन आयोग की सिफारिशों को मान्य करने के एक दिन बाद ही आश्वासन दिया था कि
उच्चतम और निम्नतम वेतन में अंतर को कम किया जाए्गा।
COMMENTS (1)
Ye Sarkar chalane ke liye kuchh bhi kr sakte h ye h bjp. Sabhi partiya ease hi h. Aage chal kr hamare Desh me home war hoga ap log dekh lena