सातवें वेतन आयोग में हैं ये खामियां, जानिए 4 मुख्य खामियों के बारे में –
सातवें वेतन आयोग पर सभी केन्द्रीय कर्मचारी सरकार से नाराज हैं।
इसे लेकर सरकार से लगातार उनकी बात भी चल रही है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए
घटा दिया गया है, जिससे केन्द्रीय कर्मचारी काफी नाराज हैं। आइए जानते हैं किन
मुद्दों पर केन्द्रीय कर्मचारी हो गए हैं सरकार से नाराज।
सातवें वेतन आयोग पर सभी केन्द्रीय कर्मचारी सरकार से नाराज हैं।
इसे लेकर सरकार से लगातार उनकी बात भी चल रही है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए
घटा दिया गया है, जिससे केन्द्रीय कर्मचारी काफी नाराज हैं। आइए जानते हैं किन
मुद्दों पर केन्द्रीय कर्मचारी हो गए हैं सरकार से नाराज।
नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग पर सभी केन्द्रीय कर्मचारी सरकार से नाराज हैं।
इसे लेकर सरकार से लगातार उनकी बात भी चल रही है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए
घटा दिया गया है, जिससे केन्द्रीय कर्मचारी काफी नाराज हैं। आइए जानते हैं किन
मुद्दों पर केन्द्रीय कर्मचारी हो गए हैं सरकार से नाराज।
इसे लेकर सरकार से लगातार उनकी बात भी चल रही है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए
घटा दिया गया है, जिससे केन्द्रीय कर्मचारी काफी नाराज हैं। आइए जानते हैं किन
मुद्दों पर केन्द्रीय कर्मचारी हो गए हैं सरकार से नाराज।
1- एचआरए कम करने से कर्मचारी नाराज
एचआरए किसी भी कर्मचारी की सैलरी का एक
महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और अधिक एचआरए का मतलब है कि कर्मचारी को अधिक
सैलरी मिलेगी, लेकिन कम एचआरए होने की वजह से कर्मचारी नाराज हैं और सरकार से
बात कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों को 24 फीसदी,
16 फीसदी और 8 फीसदी एचआरए देने की घोषणा की है, जबकि छठे वेतन आयोग के हिसाब
से उन्हें बेसिक पे का 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी (X, Y और Z कैटेगरी के
शहर के लिए) एचआरए मिलता था। कर्मचारियों की मांग है कि छठे वेतन आयोग के
हिसाब से ही उन्हें एचआरए दिया जाए।
महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और अधिक एचआरए का मतलब है कि कर्मचारी को अधिक
सैलरी मिलेगी, लेकिन कम एचआरए होने की वजह से कर्मचारी नाराज हैं और सरकार से
बात कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों को 24 फीसदी,
16 फीसदी और 8 फीसदी एचआरए देने की घोषणा की है, जबकि छठे वेतन आयोग के हिसाब
से उन्हें बेसिक पे का 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी (X, Y और Z कैटेगरी के
शहर के लिए) एचआरए मिलता था। कर्मचारियों की मांग है कि छठे वेतन आयोग के
हिसाब से ही उन्हें एचआरए दिया जाए।
2- एरियर नहीं मिलने से परेशान हैं
कर्मचारी वहीं दूसरी ओर, सरकार ने
कर्मचारियों को दिया जाने वाला एरियर भी जुलाई 2016 से न देकर जुलाई 2017 से
देने का फैसला किया है, जबकि कर्मचारियों की मांग थी कि एरियर जुलाई 2016 से
दिया जाए।
कर्मचारियों को दिया जाने वाला एरियर भी जुलाई 2016 से न देकर जुलाई 2017 से
देने का फैसला किया है, जबकि कर्मचारियों की मांग थी कि एरियर जुलाई 2016 से
दिया जाए।
3- कर्मचारी-अधिकारी का अंतर बढ़ाया
वहीं केन्द्रीय कर्मचारियों का यह भी आरोप
है कि सातवें वेतन आयोग ने कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों और बड़े अधिकारियों
को मिलने वाली सैलरी के अंतर को बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि इससे पहले के
वेतन आयोग ने इस अंतर को कम करने का काम किया था। दूसरे वेतन आयोग में यह
अनुपात 1:41 था, जिसे छठे वेतन आयोग में घटाकर 1:12 कर दिया गया, लेकिन अब
सातवें वेतन आयोग ने इसे फिर से बढ़ाकर 1:14 कर दिया है।
है कि सातवें वेतन आयोग ने कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों और बड़े अधिकारियों
को मिलने वाली सैलरी के अंतर को बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि इससे पहले के
वेतन आयोग ने इस अंतर को कम करने का काम किया था। दूसरे वेतन आयोग में यह
अनुपात 1:41 था, जिसे छठे वेतन आयोग में घटाकर 1:12 कर दिया गया, लेकिन अब
सातवें वेतन आयोग ने इसे फिर से बढ़ाकर 1:14 कर दिया है।
4- 70 सालों में सबसे कम सैलरी हाइक
केन्द्रीय कर्मचारियों को सबसे अधिक दुख
इस बात का है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत पिछले 70 सालों में सबसे कम
सैलरी हाइक मिली है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग में केन्द्रीय
कर्मचारियों की सैलरी 14.27 फीसदी बढ़ाई गई है, जबकि छठे वेतन आयोग में 20
फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी।
इस बात का है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत पिछले 70 सालों में सबसे कम
सैलरी हाइक मिली है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग में केन्द्रीय
कर्मचारियों की सैलरी 14.27 फीसदी बढ़ाई गई है, जबकि छठे वेतन आयोग में 20
फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी।
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