सातवें वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन में जनवरी 2018 से होगी बढ़ोत्तरी —
गोपनीयता की शर्त पर सेन टाईम्स का दावा
सातवें वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे केन्द्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2018 से बढ़े हुए दर पर न्यूनतम वेतन का लाभ मिल सकता है। सेन टाईम्स के अनुसार वित्त मंत्रालय में न्यूनतम वेतन मामले पर कार्य कर रहे एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर इस बात का दावा किया है।
सेन टाईम्स ने यह भी दावा किया है कि सरकार वेतन आयोग द्वारा प्रस्तावित फिटमेंट फॉर्मूले को 2.57 से बढ़ाकर इसे 3.00 कर सकती है। अगर सरकार 2.57 फिटमेंट फॉर्मूले में फेरबदल कर इसे 3.00 करती है तो केन्द्रीय कर्मियों के वेतन के साथ—साथ केन्द्रीय पेन्शनर्स एवं फैमिली पेन्शनर्स के पेन्शन में भी वृद्धि होगी।
केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद से ही न्यूनतम वेतन 18,000 से अधिक करने की मांग जोर पकड़ने लगी थी और जैसे—जैसे आन्दोलन तेज हुआ कई कर्मचारी यूनियनों एवं अर्थशास्त्रियों ने न्यूनतम वेतन 21,000 करने का लक्ष्य बना लिया है। इस स्थिति में अगले वर्ष 2018 में यह मामला कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि होना चाहिए या नहीं, के गर्म होने की पूरी सम्भावना है।
न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी के पक्ष में कर्मचारी यूनियन के नेताओं का तर्क है कि वर्तमान न्यूनतम वेतन 18,000 कर्मचारियों के जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं है। यूनियन नेताओं का यह भी तर्क है कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि सरकार के भी हित में है क्योंकि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी अक्सर ज्यादा वेतन वाले जॉब के लिए सरकारी नौकरी छोड़ देते हैं।
सेन टाईम्स के अनुसार यूनियन नेताओं ने यह भी दावा किया कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को काफी मदद मिलेगी। एक ग्रुप ऐसा भी है जो यह मानता है कि इससे समाज में कुछ हद तक आर्थिक असमानता को भी दूर किया जा सकता है।
इससे पूर्व सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए एक समान दर 2.57 फिटमेंट फॉर्मूले को लागू करते हुए वेतन आयोग द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम वेतन वर्तमान 7,000 से बढ़ाकर 18,000 एवं अधिकतम वेतन 80,000 से बढ़ाकर 2.25 लाख जबकि लोक सेवा में वरिष्ठतम पद कैबिनेट सचिव का वेतन 2.5 लाख करने की मंजूरी दे चुकी है।
दूसरी ओर केन्द्रीय कर्मचारी यूनियन फिटमेंट फार्मूले में बढ़ोत्तरी कर इसे 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करने की मांग करते हुए न्यूनतम वेतन 18,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 26,000 करने की मांग कर रहे हैं।
इस बीच सरकार ने सितम्बर 2016 में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के फलस्वरूप होने वाली वेतन विसंगति के मामलों के जांच के लिए एक वेतन विसंगति कमिटि का गठन किया है।
सेन टाईम्स के अनुसार वित्त मंत्रालय के उक्त अधिकारी ने यह दावा किया है कि ‘केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के इशारों पर अनोमली कमिटि फिटमेंट फार्मूले को 2.57 से बदलकर 3.00 करते हुए न्यूनतम वेतन 18,000 से बढ़ाकर 21,000 करने पर विचार कर रही है तथा सरकार द्वारा आगामी जनवरी 2018 से इसे लागू करने की घोषणा करने की पूरी सम्भावना है।’
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COMMENTS (2)
Are we get the arrear of that?
Yes, Sen Times is disbursing it secretly