10 लाख तक की आय हो सकती है करमुक्त – वेतन भोगियों एवं मध्यवर्गीय करदाताओं को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा
जैसी उम्मीद कि जा रही थी आगामी चुनावों को देखते हुए 16वें लोकसभा के अपने
अन्तरिम बजट पेश करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री श्री पीयूष गोयल ने
स्व-नियोजित, लघु व्यवसाय, लघु व्यापारियों, वेतनभोगियों, पेंशनरों और वरिष्ठ
नागरिकों सहित मध्यम वर्ग के करीब 3 करोड़ करदाताओं को करों में बड़ी राहत देने
का प्रस्ताव किया है। मीडिया में पहले से भी ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी
सरकार अपने अंतिम बजट में निम्न और मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत प्रदान कर
सकती है।
सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार 5 लाख रुपये तक के आय वाले करदाताओं को
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 (निर्धारण वर्ष 2020-21) में अब कुल 12500 रुपये
के छूट का लाभ मिलेगा अर्थात 5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी। वर्तमान में
2.5 लाख तक की आय कर मुक्त थी।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 (निर्धारण वर्ष 2020-21) में अब कुल 12500 रुपये
के छूट का लाभ मिलेगा अर्थात 5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी। वर्तमान में
2.5 लाख तक की आय कर मुक्त थी।
हालांकि इस प्रस्ताव का 5 लाख से अधिक आय वाले करदाताओं के कर दायित्व पर कोई
फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
टैक्स स्लैब :-
- सामान्य करदाताओं के लिए
2,50,000 रुपये तक |
0% |
2,50,001 से 5,00,000 |
5% |
5,00,001 से 10,00,000 |
20% |
10,00,000 से अधिक |
30% |
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए
3,00,000 रुपये तक |
0% |
3,00,001 से 5,00,000 |
5% |
5,00,001 से 10,00,000 |
20% |
10,00,000 से अधिक |
30% |
- अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए
5,00,000 रुपये तक |
0% |
5,00,001 से 10,00,000 |
20% |
10,00,000 से अधिक |
30% |
आयकर की धारा 80 सी से लेकर 80 यू तक प्राप्त होने वाली छूट की सीमा 1.5 लाख
को यथावत रखी गयी है। साथ ही वर्तमान में जारी मानक कटौती की सीमा को भी 40 हजार से बढ़ाकर 50
हजार कर दिया गया है। अर्थात यदि आपने पी.पी.एफ., सामान्य भविष्य निधि एवं
जीवन बीमा आदि में 1.5 लाख तक का निवेश किया हुआ है तो मानक कटौती को मिलाकर आपकी कुल 7 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी।
को यथावत रखी गयी है। साथ ही वर्तमान में जारी मानक कटौती की सीमा को भी 40 हजार से बढ़ाकर 50
हजार कर दिया गया है। अर्थात यदि आपने पी.पी.एफ., सामान्य भविष्य निधि एवं
जीवन बीमा आदि में 1.5 लाख तक का निवेश किया हुआ है तो मानक कटौती को मिलाकर आपकी कुल 7 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी।
इसे ऐसे समझा जा सकता है –
विवरण |
F.Y. 2018-19 (A.Y. 2019-20) |
F.Y. 2018-19
(A.Y. 2019-20)
|
F.Y. 2019-20 (A.Y. 2020-21) |
F.Y. 2019-20 (A.Y. 2020-21) |
वेतन से कुल आय |
5,40,000
|
7,00,000
|
7,00,000
|
7,00,100
|
मानक कटौती |
40,000
|
40,000
|
50,000
|
50,000
|
80 सी के तहत कटौती |
1,50,000
|
1,50,000
|
1,50,000
|
1,50,000
|
कर योग्य कुल आय |
3,50,000
|
5,10,000
|
5,00,000
|
5,00,100
|
कुल आयकर |
5,000
|
14,500
|
12,500
|
12,520
|
87ए के तहत छूट |
2,500
|
–
|
12,500
|
–
|
एजुकेशन सेस @ 4% |
100
|
580
|
–
|
501
|
कुल देय आयकर |
2,600
|
15,080
|
–
|
13,021
|
बजट में किए गए प्रस्तावों के बाद होने वाले कुल करलाभ |
2,600
|
15,080
|
2,059
|
इसके अतिरिक्त यदि आपने हाउसिंग लोन ले रखा है तथा 2 लाख रुपये तक उसके
ब्याज का भुगतान करते हैं, एन.पी.एस.में 50 हजार का निवेश किए हैं, मेडिकल
इंश्योरेंश में 50 हजार निवेश किया है तो आपकी कुल 10 लाख तक की आय कर
मुक्त होगी –
ब्याज का भुगतान करते हैं, एन.पी.एस.में 50 हजार का निवेश किए हैं, मेडिकल
इंश्योरेंश में 50 हजार निवेश किया है तो आपकी कुल 10 लाख तक की आय कर
मुक्त होगी –
विवरण |
F.Y. 2019-20 (A.Y. 2020-21) |
वेतन से कुल आय |
10,00,000
|
मानक कटौती |
50,000
|
हाउसिंग लोन का ब्याज 2 लाख रुपए तक |
2,00,000
|
एन.पी.एस. |
50,000
|
मेडिकल इंश्योरेंश |
50,000
|
80 सी के तहत कटौती |
1,50,000
|
कर योग्य कुल आय |
5,00,000
|
कुल आयकर |
12,500
|
87ए के तहत छूट |
12,500
|
एजुकेशन सेस @ 4% |
–
|
कुल देय आयकर |
–
|
साथ ही सरकार ने बैंकों और पोस्ट ऑफिस के
डिपॉज़िट पर वर्तमान 10 हजार के स्थान पर 40 हजार रुपये तक का ब्याज को कर मुक्त कर दिया गया है तथा मकान किराए पर कर कटौती के लिए टी.डी.एस सीमा को 1.80 लाख
रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव किया गया है।
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