Amendment in Rule 54 of CCS (Pension) Rules, 1972
सेवा में रहते हुए किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसका परिवार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 के अनुसार पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार होता है। अगर सरकारी कर्मचारी ने कम से कम सात साल की निरंतर सेवा पूर्ण कर ली हो तो उसके आश्रित को 10 साल की अवधि के लिए अंतिम वेतन के 50% की बढ़ी हुई दर पर परिवार की पेंशन देय होता है। इसके बाद पारिवारिक पेंशन की दर अंतिम आहरित वेतन का 30% ही देय है।
उक्त नियम 54 में ऐसा भी प्रावधान है कि यदि सरकारी कर्मचारी ने अपनी मृत्यु से पहले सात साल से कम की सेवा पूर्ण कि हो तो पारिवारिक पेंशन की दर शुरुआत से ही 30% होगी और अंतिम आहरित वेतन कि 50% की बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन परिवार को देय नहीं होगा।
उपरोक्त प्रावधानों के कारण वैसे मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को काफी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था जिनकी मृत्यु सात वर्ष की सेवा से पहले हो जाती है। इनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने महसूस किया कि बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन
की आवश्यकता वैसे सरकारी कर्मचारी के मामले में अधिक है जिसकी उसके करियर के शुरुआत में ही मृत्यु हो जाती है, क्योंकि सेवा के प्रारंभिक चरण में उसका वेतन बहुत कम होता है। इसलिए, सरकार ने विगत 19 सितंबर, 2019 को जारी एक अधिसूचना द्वारा केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 में संशोधन किया। संशोधित नियम 54 के अनुसार, वैसे सरकारी कर्मचारी के परिवार को, जिसकी सात वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पहले ही मृत्यु हो जाती है, वे भी मृत्यु की तिथि से 10 वर्षों की अवधि के लिए, अंतिम भुगतान के 50% की बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होगी।
उपरोक्त संशोधित प्रावधान 1 अक्टूबर, 2019 से प्रभावी होगा।
संशोधित प्रावधानों का लाभ CAPFs के कर्मियों सहित सभी सरकारी सेवकों के परिवारों को मिलेगा जिनकी मृत्यु सरकारी सेवा में शामिल
होने के सात साल के भीतर होगी।
Source: PIB
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