एमएसीपी हेतु समान ग्रेड वेतन में प्रदत्त पदोन्नति को नज़रअंदाज़ किए जायें – CAT चंडीगढ़।
केन्द्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण के चंडीगढ़ बेंच ने शलिनी नागी, सतबीर सिंह एवं हबीब अहमद सिद्दीकी द्वारा एमएसीपी के संबंध में दायर ओ. ए. संख्या 063/00687/2018 एवं एम.ए.संख्या 063/00460/2019 की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। इस आबेश में संबन्धित विभागों को निर्देशित किया गया है कि समान ग्रेड वेतन वाले पदों में पूर्व में दिये गए पदोन्नति को नज़रअंदाज़ करते हुए वैसे कार्मिकों को एमएसीपी का लाभ प्रदान किए जाएं। अपने आदेश में प्राधिकरण ने आवेदकों को 60 दिनों के अंदर एमएसीपी का लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला :
उपरोक्त मामला भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहायक के पद पर कार्यरत कर्मचारियों से संबन्धित है। 5वें वेतनमान के अनुसार इस विभाग के सहायकों का वेतनमान 5000-8000 है। सहायक से कार्यालय अधीक्षक के रूप में पदोन्नति के पश्चात इन्हें 5500-9000 वेतनमान प्रदान किया जाता रहा है। परंतु 6ठे वेतन आयोग ने 5000-8000, 5500-9000 एवं 6500-10500 वेतनमान को एक समरूप पे बैंड पीबी-2 तथा ग्रेड वेतन 4200 में समाहित करने का सिफ़ारिश किया। सरकार द्वारा 6ठे वेतन आयोग के सिफ़ारिशों को मंजूर किए जाने के पश्चात दिनांक 01.01.2006 के बाद सहायकों के कार्यालय अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने पर उन्हें कोई वित्तीय लाभ नहीं मिल पा रहा था। अतः उन्हें सहायक से कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रदान किए गए पदोन्नति के लाभ को नज़रअंदाज़ करते हुए संबन्धित विभाग द्वारा 30 वर्षों के सेवा के पश्चात तीसरे वित्तीय उन्नयन का लाभ ग्रेड वेतन 46 0 में प्रदान किया गया।
इसी बीच विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आपत्ति जताने भारतीय सर्वेक्षक विभाग द्वारा पर सहायकों को प्रदान किए गए तीसरे वित्तीय उन्नयन के लाभ को वापस ले लिए गया।
अपने आदेश में प्राधिकरण ने कहा कि एमएसीपी की पारा 8 केवल सामान्य प्रकृति का प्रावधान है। संबन्धित मामले में एमएसीपी का पारा 5 लागू होता है। किसी सरकारी कर्मचारी को जिसकी नियुक्ति पूर्व निर्धारित वेतनमान में 5000-8000 के वेतनमान में हुआ और उसे 5500-9000 तथा 6500-10500 के वेतनमान में वित्तीय उन्नयन का लाभ प्रदान किया गया उन्हें 6ठे वेतन आयोग के अनुसार उक्त तीनों वेतनमानों के विलय के पश्चात पे बैंड पीबी-2 में क्रमशः 4600 तथा 4800 के ग्रेड वेतन में वित्तीय उन्नयन का लाभ प्रदान किया जाएगा। वैसे कर्मचारियों को विलय के पश्चात 4200 ग्रेड वेतन नहीं दिया जा सकता है।
कैट चंडीगढ़ के मूल आदेश को पढ़ने एवं डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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