आईटीआर फॉर्म फॉर्म-1 और आईटीआर फॉर्म-4 में हुए कई बदलाव – टैक्स सेविंग के विकल्प
आईटीआर फॉर्म में इन पांच बदलाव को जानना जरूरी
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए व्यक्तिगत करदाITR और कंपनियों के लिए रिटर्न फॉर्म अधिसूचित कर दिया है। इस बार कर विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1 (सरल) और आईटीआर फॉर्म-4 (सहज) में कई बड़े बदलाव करते हुए करदाताओं से नई जानकारियां मांगी हैं। आमतौर पर आयकर विभाग रिटर्न फॉर्म अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी करता था लेकिन इस बार चार महीने पहले ही अधिसूचित कर दिया है। इसका फायदा उठाकर आप रिटर्न फॉर्म में किए गए बदलावों को आसानी से जानकर रिटर्न दाखिल करते वक्त होने वाली छोटी-छोटी गलतियों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि फॉर्म में क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
1. पासपोर्ट की जानकारी देनी होगी
इस साल आईटीआर फॉर्म-1 यानी सरल में जो सबसे बड़ा बदलाव किया गया है वह है कि अगर करदाता के पास पासपोर्ट है तो उसका ब्योरा देना होगा। कर विशेषज्ञों का कहना है कि पासपोर्ट का ब्योरा इसलिए मांगा जा रहा हो ताकि यह जानकारी जुटाई जा सके कि आपने विदेश में यात्रा की है कि नहीं। पिछले साल बजट में एलान हुआ था कि जिन्होंने विदेश यात्रा में दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है, उनके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है
2. घर का पूरा पता देना जरूरी हुआ
अब आईटीआर-1 फॉर्म में आपको अपने घर का पूरा पता देना होगा। यानी अगर आप दिल्ली या किसी दूसरे राज्य में रहते हैं तो वहां पर आप कहां रह रहे हैं उसका पूरा पता रिटर्न फॉर्म में देना होगा। हाउस नंबर, पिन, सेक्टर आदि की जानकारी रिटर्न फॉर्म में भरनी होगी।
3. नहीं मिले किराया का ब्योरा
इस बार आयकर रिटर्न फॉर्म में आपको किराये की प्रॉपर्टी से नहीं मिलने वाले किराये का भी ब्योरा देना होगा। यानी अगर आपके पास एक से अधिक मकान या दुकान है और वह रेंट पर है तो उससे मिलने और नहीं मिलने वाले किराये दोनों का ब्योरा रिटर्न फॉर्म में भरना जरूरी होगा।
4. किरायेदार का पैन या आधार नंबर देना जरूरी
आईटीआर फॉर्म-1 में दूसरा बदलाव किरायेदार को लेकर किया गया है। अगर करदाता ने अपनी किसी संपत्ति को किराये पर दिया है तो उसको अपने रिटर्न फॉर्म में किरायेदार का पैन या आधार नंबर का ब्योरा देना होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अभी अप्रैल में पता चलेगा कि अगर किसी किरायेदार का पैन या आधार नंबर नहीं है तो उसके मकान मालिक को रिटर्न फाइल करने की इजाजत दी जाती है या नहीं।
5. कंपनी का टीएएन नंबर मांगा गया
इस साल आईटीआर फॉर्म-1 में नियोक्ता की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। अगर आपका नियोक्ता टैक्स (टीडीएस) काटता है तो इस साल से आईटीआर-1 भरने के दौरान आपको टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (टीएएन) देना अनिवार्य होगा। अन्य विवरणों में नाम, रोजगार की प्रकृति और कंपनी का पूरा पता। अगर टैक्स कटता है तो कंपनी के लिए अनिवार्य है कि वह आपको फॉर्म 16 जारी करे। गौरतलब है कि अभी तक आईटीआर फॉर्म-1 में रोजगार की प्रकृति जैसे सरकारी, पीएसयू, सेवानिवृत्त, अन्य चुनना पड़ता था।
आइए जानें किस प्रकार के करदाताओं के लिए कौन सा फार्म उपयुक्त है:-
आईटीआर फॉर्म-1 से कौन-कौन रिटर्न भर सकेंगे
- वैसे करदाता जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है।
- आय का जरिया वेतन, किराया, बैंक जमा पर ब्याज या पेंशन है।
- वैसे करदाता जिसके चालू खाता में एक करोड़ या अधिक जमा है।
- वैसे करदाता जिसने एक लाख रुपये बिजली बिल के तौर पर चुकाया है।
- प्रॉपर्टी के संयुक्त मालिक भी भर सकेंगे अपना आयकर रिटर्न
किसके लिए आईटीआर फॉर्म -4 (सुगम)
सुगम फॉर्म ऐसे व्यक्तिगत करदाताओं, हिंदू अविभाजित परिवार(एचयूएफ) और फर्म (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप या एलएलपी के अलावा) के लिए है जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी संभावित आय व्यवसाय या रोजगार से है।
क्या जल्द रिटर्न भर सकेंगे
आयकर विभाग ने करीब चार महीने पहले रिटर्न फॉर्म को अधिसूचित कर दिया तो क्या रिटर्न भरने की भी शुरुआत जल्द होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं होगा। कर विभाग ने फॉर्म को इसलिए जल्द अधिसूचित किया है कि रिटर्न भरने की शुरुआत तय समय से शुरू होकर समय सीमा के अंदर खत्म हो जाएग। देरी से फॉर्म अधिसूचित करने पर रिटर्न भरने की शुरुआत देर से होती है और अंतिम तारीख को कई बार आगे बढ़ाना होता है।
करदाताओं के पास टैक्स सविंग के लिए तीन माह से कम समय बचा
निवेश विकल्प | रिटर्न (फीसदी में) | आयकर छूट की सीमा |
ईएलएसएम फंड | 13 (तीन साल में) | 1.5 लाख रुपये |
नेशनल पेंशन स्कीम | 09 (पाँच साल में) | 02 लाख रुपये |
यूलिप | 08 (तीन साल में) | 1.5 लाख रुपये |
पीपीएफ़ | 7.9 (जनवरी-मार्च 2020) | 1.5 लाख रुपये |
सीनियर सिटिज़न स्कीम | 8.6 (जनवरी-मार्च 2020) | 1.5 लाख रुपये |
एनएससी | 7.9 (जनवरी-मार्च ) | 1.5 लाख रुपये |
सुकन्या समृद्धि योजना | 8.4 (जनवरी-मार्च 2020) | 1.5 लाख रुपये |
सावधि जमा (एफ़डी) | 6.5-7.6 (सालाना) | 1.5 लाख रुपये |
जीवन बीमा | 4.5-5 (20 साल के प्लान) | 1.5 लाख रुपये |
Source: https://epaper.livehindustan.com
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